कर-निर्धारण अधिकारी कौन है ?
प्रश्न 9. कर-निर्धारण अधिकारी कौन है ? इसके कार्य व अधिकार बताया
उत्तर- 1 अप्रैल, 1988 से आयकर विभाग में कर-निर्धारण अधिकारी पद का सृजन किया गया है। कर-निर्धारण अधिकारी से आशय सहायक आयत या आयकर अधिकारी से है, जिसे केन्द्रीय प्रत्यक्ष बोर्ड द्वारा आदेश देकर किसी एक निर्धारित क्षेत्र का कार्य सौंपा गया हो। सरल शब्दों में, आयकर अधिकारी सहायक आयुक्त अथवा उप-आयुक्त, जिसे किसी क्षेत्र के कर-निर्धारण का कार्य सौंपा जाता है, कर-निर्धारण अधिकारी कहलाता है।
कर-निर्धारण अधिकारी के कार्य-
कर-निर्धारण अधिकारी के प्रमुख
कार्य निम्न प्रकार हैं-
(1) अपने क्षेत्र के करदाताओं से आय
का विवरण या नक्शा (Return) माँगना।
(2) अपने क्षेत्र के
करदाताओं का कर-निर्धारण करना।
(3) अपने क्षेत्र के करदाताओं से कर, ब्याज एवं अर्थदण्ड वसूल करना।
(4) करदाताओं से साक्षात्कार करना।
(5) कर-निर्धारण से सम्बन्धित
सूचनाएँ एकत्रित करना।
(6) यदि किसी करदाता की कोई आय भूलवश छुट गई है अथवा कोई हानि, छूट अथवा ह्रास अधिक दे दिया गया है, तो पुन: कर-निर्धारण करना।
(7) यदि करदाता ने अग्रिम कर
या उद्गम स्थान पर कर कटौती के रूप में देय कर से अधिक राशि का भुगतान कर दिया है, तो उसे वापस करना।
(8) आयुक्त की पूर्व अनुमति लेकर कर
वापसी का समायोजन करना।
कर-निर्धारण अधिकारी के अधिकार कर-
निर्धारण अधिकारी के
प्रमुख अधिकार निम्न प्रकार हैं-
(1) किसी मामले की कार्यवाही
में वे सभी अधिकार जो नागरिक प्रक्रिया संहिता (CPC), 1908 के अन्तर्गत किसी भी न्यायालय को
प्राप्त हैं।
(2) अपने कार्यक्षेत्र में
आने वाले किसी भी करदाता के स्थान में प्रवेश और जाँच का अधिकार तथा संदिग्ध
प्रपत्रों एवं अन्य सामग्री को जब्त करने का अधिकार।
(3) किसी भी करदाता से लेखा
पुस्तकें, रिकॉर्ड और सूचना
प्राप्त करने का अधिकार।
(4) बहीखातों तथा प्रलेखों
का निरीक्षण करने, उन पर चिह्न बनाने तथा
नकल लेने का अधिकार।
(5) शपथ के आधार पर गवाही
लेने का अधिकार।
(6) किसी करदाता द्वारा किसी
उत्सव या आयोजन पर किए गए खर्चों का विवरण माँगने का अधिकार।
(7) कर-निर्धारण के लिए पूछताछ
का नोटिस देने का अधिकार।
(8) कर-निर्धारण का अधिकार।
(9) कम्पनी के सदस्यों, ऋणपत्रधारियों अथवा. बन्धक के रजिस्टरों के
निरीक्षण एवं नकल का अधिकार।
(10) फर्मों का पंजीकरण करने
एवं निरस्त करने का अधिकार।
(11) कर वापसी के समायोजन का अधिकार।
(12) पुनः कर-निर्धारण का अधिकार।
(13) स्थायी खाता संख्या (PAN) का आबण्टन।
(14) अपीलेट ट्रिब्यूनल में
अपील में दिए गए निर्णय के विरुद्ध अपील करने, का अधिकार।
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