अर्थदण्ड के सम्बन्ध में आयकर अधिनियम
प्रश्न 11. अर्थदण्ड के सम्बन्ध में आयकर अधिनियम के प्रावधानों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
आयकर अधिनियम के अन्तर्गत निम्न
परिस्थितियों में अर्थदण्ड लगाया जा सकता है-
(1) कर या ब्याज के भुगतान में त्रुटि-
यदि स्वयं कर-निर्धारण के अन्तर्गत
करदाता कर अथवा ब्याज या दोनों का पूर्ण अथवा आंशिक रूप में भुगतान नहीं करता, तो
अर्थदण्ड लगाया जा सकता है। लेकिन यह राशि बकाया कर की राशि से अधिक नहीं हो सकती
है। [धारा 221(1)]
(2) माँग के नोटिस के अनुसार भुगतान न करना-
ऐसी स्थिति में 30 दिन की अवधि के पश्चात् 1% प्रतिमाह साधारण ब्याज की दर से भुगतान की तिथि तक ब्याज चुकाना होता है। यदि करदाता इसमें भी त्रुटि करता है, तो उस पर अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया जा सकता है। [धारा 220(2)]
(3) आय का विवरण छिपाना या गलत विवरण देना–
यदि कोई करदाता अपनी आय छिपाता है या आय
का गलत विवरण दाखिल करता है, तो इस प्रकार बचाए गए कर की राशि का कम-से-कम 100%
तथा अधिक-से-अधिक 300% तक अर्थदण्ड लगाया जा
सकता है। [धारा 271(1)(C)]
(4) पंजीकृत फर्म के लाभों का गलत विवरण–
यदि कोई पंजीकृत फर्म साझेदारी संलेख में उल्लिखित लाभ-विभाजन अनुपात में लाभों का वितरण नहीं करती, जिसके परिणामस्वरूप कोई भी साझेदार अपनी आय वास्तविक आय से कम दिखाता है, तो इसके लिए अर्थदण्ड की व्यवस्था की गई है। अर्थदण्ड की अधिकतम राशि बचाए गए कर की राशि के 150% तक हो सकती है। [धारा 271(4)]
(5) लेखा पुस्तकें इत्यादि न रखना-
यदि कोई व्यक्ति धारा 44AA के
प्रावधान के अनुसार लेखा पुस्तकें, प्रपत्र आदि न रखे,
तो उस पर ₹ 25,000 अर्थदण्ड लगाया जा सकता है। [धारा 271A]
(6) लेखा पुस्तकों का अंकेक्षण न करना
यदि कोई
व्यक्ति किसी वर्ष लेखा पुस्तकों का अंकेक्षण नहीं कराता अथवा धारा 44AB के अनुसार ऐसे अंकेक्षण की रिपोर्ट जमा नहीं करता, तो
कर-निर्धारण अधिकारी उस करदाता पर ऐसे गत वर्ष की कुल बिक्री या सकल प्राप्तियों
का 0.5% या अधिकतम ₹ 1,00,000 अर्थदण्ड
लगा सकता है। [धारा 271B]
(7) उद्गम स्थान पर कर कटौती न करने पर-
यदि कोई व्यक्ति धारा 192 से
1960 के अन्तर्गत उद्गम स्थान पर कर की कटौती करने में पूर्ण
अथवा आंशिक चूक करता है, तो
उस व्यक्ति पर न काटे गए कर की राशि के बराबर अर्थदण्ड लगाया जाएगा। [धारा 271C]
(8) धारा 269T की व्यवस्थाओं का पालन न करने पर-
यदि ₹ 20,000 या इससे अधिक की
राशि का ऋण या जमा या भुगतान Ac Payee चैक या ड्राफ्ट द्वारा
नहीं किया जाता, तो ऐसी स्थिति में भी अर्थदण्ड लगाया जा
सकता है। [धारा 271E]
(9) प्रश्नों के उत्तर न देने आदि पर दण्ड-
यदि करदाता आयकर पदाधिकारी द्वारा पूछे
गए प्रश्नों के उत्तर नहीं देता या अपने बयान पर हस्ताक्षर नहीं करता या समय पर
विभिन्न विवरण या प्रपत्र प्रस्तुत नहीं करता, तो प्रत्येक चूक के लिए
₹ 10,000 अर्थदण्ड लगाया जा सकता है। [धारा 272A]
(10) कर कटौती खाता संख्या के लिए-
उद्गम स्थान पर कर की कटौती करने वाला
व्यक्ति यदि कर कटौती खाता संख्या (TAN) प्राप्त नहीं करता या सम्बन्धित प्रपत्रों पर
इसका उल्लेख नहीं करता, तो ₹ 10,000 का
अर्थदण्ड लगाया जा सकता है। [धारा 272BB]
(11) आय का विवरण तैयार करने में चूक-
धारा 139(1) के अन्तर्गत यदि किसी व्यक्ति को आय का विवरण दाखिल करना है और वह इस कार्य
में सम्बन्धित कर-निर्धारण वर्ष के समाप्त होने से पूर्व उस आय के विवरण को दाखिल
करने में चूक करता है, तो कर-निर्धारण अधिकारी इस चूक के लिए ₹
5,000 अर्थदण्ड लगाने का निर्देश दे सकता है। [धारा 271F]
(12) वार्षिक सूचनाओं का विवरण तैयार करने में चूक पर अर्थदण्ड-
यदि किसी करदाता को अधिनियम की धारा 285BA की उप-धारा (1) के अन्तर्गत वार्षिक
सूचनाओं का विवरण निर्धारित समय में दाखिल करना है, किन्तु वह ऐसा करने में
चूक करता है, तो आयकर पदाधिकारी इस चूक के लिए ₹ 100 प्रतिदिन के आधार पर जब तक यह चूक जारी रहती है, तब
तक अर्थदण्ड लगा सकता है। [धारा 271FA]
(13) सूचना प्रदान न करना-
यदि कोई करदाता धारा 133B के
अन्तर्गत माँगी गई कतिपय सूचनाएँ प्रदान नहीं करता, तो
आयुक्त, उप-निदेशक या कर-निर्धारण अधिकारी उस व्यक्ति पर ₹
1,000 तक का अर्थदण्ड लगा सकता [धारा 272AA]
(14) धारा 206CA का उल्लंघन–
यदि कोई करदाता धारा 206CA का उल्लंघन करता है, तो उस पर ₹ 10,000 स्थिर अर्थदण्ड लगाया जा सकता है।
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