भारत के प्रमुख धार्मिक व सामाजिक आन्दोलन-19वीं शताब्दी

प्रश्न 10. भारत में 19 वीं शताब्दी में हुए धार्मिक व सामाजिक पुनर्जागरण के कारण बताइए व प्रमुख धार्मिक व सामाजिक आन्दोलनों का परिचय दीजिए। उत्तर- 18 वीं शताब्दी के अन्त तक भारत में ब्रिटिश साम्राज्यवाद की जड़ें जम चुकी थीं। राजनीतिक सत्ता की स्थापना के साथ-साथ पाश्चात्य संस्कृति एवं विचारधारा भारतीय जनजीवन को प्रभावित करने लगी थी। भारतीय संस्कृति पतन के गर्त में पड़ी सिसक रही थी और उसकी नव-सृजन शक्ति लुप्तप्राय हो चुकी थी। भारत के लिए यह एक चिन्ताजनक सांस्कृतिक आक्रमण एवं संकट का समय था। भारतीय जनता के लिए यह दुर्भाग्य का विषय था कि राजनीतिक पराजय अब धीरे-धीरे धार्मिक पराजय में परिणत होती जा रही थी। ऐसे निराशाजनक एवं अन्धकार से परिपूर्ण वातावरण में कुछ ऐसे भारतीयों का आविर्भाव हुआ जो इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि यदि देश की काया पर से निराशा की सड़ी-गली केंचुली उतार फेंकनी है , तो हिन्दू धर्म के सिद्धान्तों में और हिन्दुओं की सामाजिक लोक परम्पराओं में मौलिक परिवर्तन की आवश्यकता है। " राजा राममोहन राय , स्वामी विवेकानन्द , रामकृष्ण परमहंस , स्वामी दयानन्द सरस्वती आदि महापुरुषों न