कार्यालयी पत्र/सरकारी पत्र के प्रकार

प्रश्न 8. कार्यालयी पत्र के प्रकारों का वर्णन करते हुए किसी एक प्रकार को सोदाहरण समझाइए।

अथवा ‘’ कार्यालयी पत्र (सरकारी पत्र) व सामान्य पत्र में अन्तर स्पष्ट करते हुए कार्यालयी पत्राचार के विविध प्रकारों पर प्रकाश डालिए।

उत्तर-मन्तव्य को गन्तव्य तक पहुंचाने के लिए पत्राचार किया जाता है इसीलिए कार्यालयों से लेकर दैनिक जीवन तक पत्रों का आदान-प्रदान किया जाता है।

सामान्यत: पत्राचार को दो वर्गों में विभाजित किया गया है-

(1) औपचारिक पत्राचार,

(2) अनौपचारिक पत्राचार

कार्यालयी पत्र

औपचारिक पत्राचार का सम्बन्ध कार्यालयी पत्राचार से है वहीं अनौपचारिक पत्राचार का सम्बन्ध सामान्य (वैयक्तिक) पत्राचार से है।

कार्यालयी पत्र व्यक्तिगत पत्रों से भिन्न तकनीकी पत्र होते हैं। इनमें न तो भावात्मकता का कोई स्थान है और न मुहावरेदार भाषा का। यह किसी कार्यालय द्वारा किसी अन्य कार्यालय, अधिकारी, व्यक्ति, संस्था अथवा फर्म को लिखे जाते हैं जबकि सामान्य पत्र निजी सम्बन्धियों को लिखे जाते हैं जिसके कारण इसमें भावात्मकता एवं आत्मीयता का पुट होता है । औपचारिक पत्राचार (कार्यालयी) उन लोगो के साथ किया जाता है जो किसी सार्वजनिक पद पर आसीन होते हैं इसलिए कार्यालयी पत्रों में मुख्य विषय पर सदैव ध्यान रखा जाता है, जबकि अनौपचारिक पत्राचार उन लोगों के साथ किया जाता है जिनसे हमारे व्यक्तिगत सम्बन्ध होते हैं सालिए इन पत्रों में व्यक्तिगत सुख-दुःख का वर्णन भी होता है।

कार्यालयी पत्रों का एक निश्चित प्रारूप होता है, जबकि सामान्य पत्रों का कोई निर्धारित प्रारूप नहीं होता है। इसीलिए कार्यालयी पत्रों को लिखते समय अधोलिखित बातों को स्मरण रखना चाहिए-

1. इन पत्रों का सम्बन्ध सार्वजनिक हितों से होता है, अत: इनकी भाषा सरल एवं बोधगम्य होनी चाहिए।

2. प्रेषक,प्रेषिती दिनांक, पत्रांक, सम्बोधन एवं विषय का प्रमुखता से उल्लेख किया जाना चाहिए।

3. मुख्य विषय पर विशेष ध्यान रखना चाहिए।

4. हस्ताक्षर पत्रान्त में स्वनिर्देश के तुरन्त बाद तथा नाम के नीचे पदनाम एवं मुहर लगानी चाहिए।

5. संलग्नक के रूप में आवश्यक सूचना-संख्यात्मक एवं विचारात्मक देनी चाहिए। .

6. पृष्ठांकन में प्रतिलिपि सूचनार्थ, आवश्यक कार्रवाई हेतु इत्यादि का उल्लेख किया जाना चाहिए।

इसके विपरीत सामान्य पत्र का कोई निश्चित, निर्धारित प्रारूप नहीं होता है।

कार्यालयी पत्र, विशेषतः संक्षिप्त होते हैं जबकि सामान्य पत्र में इस प्रकार की कोई बाध्यता नहीं होती है।

कार्यालयी पत्राचार के विविध प्रकार

1. कार्यालय आदेश (Office Order)-जिस पत्र के द्वारा अधीनस्थ कार्यालय या कार्यालय कर्मचारी को आदेश दिया जाता है, कार्यालयी आदेश कहा जाता है। शासनादेश (Government Order) भी कार्यालयी आदेश होता है जो सचिवालय द्वारा अपने निर्गत आदेश लागू कराने के लिए जारी किया जाता है, जबकि कार्यालयी आदेश किसी कार्यालय द्वारा किसी कार्यालय के अधिकारी द्वारा अधीनस्थ कर्मचारी को निर्देश देते हुए जारी किया जाता है। शासनादेशों को परिपत्र के रूप में प्रसारित किया जाता है और उनमें प्रभावित होने वाले कार्यालय-प्रमुखों के नाम पृष्ठांकन होता है।

2. परिपत्र (Circular)—मुख्य कार्यालय द्वारा सम्बन्धित अधीनस्थ कार्यालयों को कोई सूचना एकरूपता के साथ प्रसारित करने के लिए इसे निर्गत किया जाता है।

3. अधिसूचना (Notification)-जनहित में जनसाधारण की सूचना के लिए सरकारी गजट में प्रकाशित होने वाली सूचनाएँ अधिसूचना कही जाती हैं।

4. ज्ञापन (Memorandum)- जब कोई विभाग अपने ही अधीनस्थ कार्यालयों,प्रभागों-अनुभागों आदि को पत्र लिखता है तो वह ज्ञापन' कहलाता है।

5. कार्यालय ज्ञापन (Office Memorandum)- जब विभिन्न मन्त्रालय, कार्यालय, अनुभाग या अधीनस्थ कर्मचारी परस्पर पत्र व्यवहार करते हैं तो उसे कार्यालयी ज्ञापन कहते हैं।

6. अनुस्मारक (Reminder)-किसी कार्यालय को प्रेषित पत्र से सम्बन्धित अपेक्षित कार्रवाई न होने की स्थिति में मूलपत्र के सन्दर्भ में स्मरण दिलाने के लिए लिखे गये पत्र को स्मरण पत्र या अनुस्मारक कहते हैं।

7. अर्द्धसरकारी पत्र (Semi-official letter)-जब एक अधिकारी किसी दूसरे अधिकारी को किसी विशेष सन्दर्भ में व्यक्तिगत ध्यान देने का आग्रह करता है तो ऐसे पत्र अर्द्धसरकारी कहे जाते हैं।

8. प्रेस विज्ञप्ति (Press Communique)-सरकार अपने प्रस्तावों, निर्णयों आदि के सन्दर्भ में राजपत्रों (गजट) में सूचनाएँ प्रकाशित करती हैं। यही सूचनाएँ जब समाचार-पत्रों में जनसाधारण के लिए प्रकाशित की जाती हैं तो उनका नामकरण प्रेस विज्ञप्ति कर दिया जाता है।

9.संकल्प (Resolution)-संकल्प राजपत्र (गजट) में प्रकाशित किये जाते हैं। कार्यालयी पत्र के इस रूप का प्रयोग नीति सम्बन्धी महत्त्वपूर्ण मामलों पर सरकार द्वारा किये गये निश्चयों की सार्वजनिक घोषणा करने के लिए किया जाता है।

10. पृष्ठांकन (Endorsement)-जब किसी पत्र को अधीनस्थ उच्च अधिकारियों को सूचनार्थ या अपेक्षित कार्रवाई हेतु भेजना होता है तो उसकी अपेक्षित प्रतिलिपियाँ करवाकर पृष्ठांकन संख्या देकर प्रेषित कर दिया जाता है।

 

 

 

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