स्विस संविधान की 14 प्रमुख विशेषताएँ
B. A. II, Political Science II
प्रश्न 12. स्विस संविधान की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
अथवा '' स्विट्जरलैण्ड के वर्तमान संविधान की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर-स्विट्जरलैण्ड विश्व की सबसे प्रमुख राजनीतिक प्रयोगशाला है और इसका संविधान निश्चित रूप से मौलिक तथा विलक्षण है। संविधान की इन विशेषताओं ने ही इस छोटे-से देश की संवैधानिक व्यवस्था के अध्ययन को बहुत महत्वपूर्ण बना दिया है।
स्विट्जरलैण्ड के संविधान की विशेषताएँ स्विस संविधान जिन विशेषताओं के कारण
अनुपम और उल्लेखनीय है, वे निम्नलखित हैं
(1) निर्मित और लिखित संविधान
स्विट्जरलैण्ड का संविधान अपने मूल में निर्मित और लिखित है । इसका निर्माण एक आयोग द्वारा 1848 ई.में किया था और यह सन् 1998 तक लागू रहा। स्विट्जरलैण्ड का वर्तमान संविधान सन् 1998 में निर्मित किया गया तथा 1999 में लागू किया गया। इसमें 195 धाराएँ तथा 4 अध्याय हैं। यह अमेरिकी संविधान की अपेक्षा अधिक लम्बा है। इसमें अनेक ऐसी बातें हैं जो सवैधानिक प्रकृति की नहीं हैं। उदाहरण के लिए, संविधान में मछली मारने,शिकार खेलने जुआ खेलने आदि के बारे में उल्लेख है। स्विस संविधान इसलिए भी लम्बा हैं क्योकि इसमें संघ और कैण्टनों का अधिकार क्षेत्र विस्तार से स्पष्ट किया गया हैं , लिखित संविधान के साथ ही स्विस संविधान में कुछ परम्पराओं का विकास भी हुआ है।
(2) कठोर संविधान-
स्विस संविधान एक कठोर संविधान है अर्थात इसमें संशोधन करने के लिए सामान्य कानूम के निर्माण की प्रक्रिया से भिन्न एक प्रक्रिया को अपनाना होता है। संघात्मक शासन व्यवस्था अपनाए जाने के कारण संविधान का कठोर होना स्वाभाविक ही है। फिर भी यह संविधान इतना कठोर नहीं है जितना कि अमेरिका का।
(3) प्राचीनतम गणराज्य-
स्विट्जरलैण्ड की गणतन्त्रीय व्यवस्था विश्व में सबसे पुरानी है। यूरोप और
एशिया के अधिकांश राज्यों में जब राजतन्त्र तथा निरंकुश तन्त्र का बोलबाला था,
तब भी
स्विट्जरलैण्ड के समस्त कैण्टनों में लोकतन्त्रात्मक गणराज्य स्थापित था। रैपार्ड
का कहना है, "स्विट्जरलैण्ड युगों से गणतन्त्र रहा है।"
(4) संघात्मक शासन प्रणाली-
यद्यपि संविधान में स्विट्जरलैण्ड को एक राज्यमण्डल घोषित किया गया है,
किन्तु वास्तव
में स्विट्जरलैण्ड एक राज्यमण्डल न हो कर संघ राज्य ही है। स्विस संविधान में
संघात्मक शासन के सभी प्रमुख लक्षण-लिखित और कठोर संविधान,
संविधान द्वारा
केन्द्र और इकाइयों में शक्तियों का विभाजन, संघीय न्यायपालिका,
राज्यों की
नागरिकता और संघीय व्यवस्थापिका के द्वितीय सदन में सभी इकाइयों को समान
प्रतिनिधित्व आदि देखने को मलते हैं।
(5) प्रत्यक्ष प्रजातन्त्र-
स्विट्जरलैण्ड प्रजातन्त्र का श्रेष्ठतम उदाहरण है। वर्तमान समय में जब विश्व
के अन्य देशों में प्रत्यक्ष प्रजातन्त्रात्मक शासन व्यवस्था को अव्यावहारिक मानकर
त्याग दिया गया है, तब भी स्विट्जरलैण्ड के एक पूर्ण केण्टन और चार अर्द्ध-कैण्टनों में
प्रत्यक्ष प्रजातन्त्रात्मक शासन व्यवस्था विद्यमान है। इम कैण्टनों में मतदाताओं
की सभाओं द्वारा कानून-निर्माण का कार्य किया जाता है। इसके अतिरिक्त
स्विट्जरलैण्ड में संघीय स्तर और कैण्टनों के स्तर पर लोक निर्णय और
प्रस्तावाधिकार की प्रत्यक्ष प्रजातन्त्रात्मक पद्धतियों को सफलता के साथ अपनाया
गया है। इसी कारण जुर्चर ने कहा है, “गत वर्षों में
स्विट्जरलैण्ड और प्रजातन्त्र समानार्थी बन गए हैं।"
(6) उदारवादी दर्शन पर आधारित संविधान
जहाँ चीन आदि देशों के संविधान समाजवादी दर्शन पर आधारित हैं, वहीं स्विस संविधान पर ब्रिटिश और अमेरिकी संविधानों के सदृश उदारवादी दर्शन का प्रभाव है। स्विस संविधान का मूल दर्शन यही है कि नागरिकों को सभी क्षेत्रों में अधिकतम स्वतन्त्रता प्राप्त हो और राज्य हस्तक्षेपवादी नीति पर कम-से-कम चले। यद्यपि लोक-कल्याणकारी प्रवृत्तियों के विकास के फलस्वरूप स्विट्जरलैण्ड में भी राज्य के कार्यक्षेत्र का विस्तार हो रहा है, तथापि उदारवादी विचारधारा सबल है।
(7) बहुल कार्यपालिका
स्विट्जरलैण्ड की संघीय सरकार उसकी एक अनूठी विशेषता है । यह एक बहुत
कार्यपालिका है, जिसमें 7 सदस्य होते हैं । इन सभी सदस्यों की स्थिति व शक्तियाँ समान होती
हैं। इसी आधार पर इसे 'बहुल कार्यपालिका' कहा जाता है।
(8) संसदात्मक और अध्यक्षात्मक शासन व्यवस्थाओं का समन्वय
स्विस शासन व्यवस्था न तो पूर्णतया संसदात्मक सिद्धान्तों के अनुकूल है और न
ही अध्यक्षात्मक । व्यवस्थापिका (संघीय संसद) और कार्यपालिका (संघीय सरकार) परस्पर
सम्बन्धित हैं। किन्तु इंग्लैण्ड के समान कार्यपालिका व्यवस्थापिका के प्रति
उत्तरदायी नहीं है और व्यवस्थापिका कार्यपालिका को पदच्युत नहीं कर सकती। इसे
अध्यक्षात्मक शासन व्यवस्था भी नहीं कहा जा सकता, क्योंकि इसमें अमेरिकी संविधान के सदृश शक्ति पृथक्करण के
सिद्धान्त को नहीं अपनाया गया है। स्विस संविधान द्वारा संसदात्मक और अध्यक्षात्मक,
दोनों ही प्रकार की शासन व्यवस्थाओं के मूल गुणों को ग्रहण कर एक
नूतन शासन व्यवस्था को जन्म दिया गया है।
(9) निराली व्यवस्थापिका-
स्विस व्यवस्थापिका के दो सदन हैं-प्रतिनिधि सभा और सीनेट । विश्व में
स्विटजरलैण्ड ही एक ऐसा देश है जहाँ व्यवस्थापिका के दोनों सदनों की शक्तियाँ
बराबर हैं। स्विस कार्यपालिका की तरह स्विस व्यवस्थापिका भी संसार में अद्वितीय
है। सो. एफ. स्ट्रांग के शब्दों में, “संसार में स्विस व्यवस्थापिका ही एक ऐसी व्यवस्थापिका है
जिसके दोनों सदनों के कार्यों में कोई महत्त्वपूर्ण भेद नहीं है।"
(10) अधिकारों की व्यवस्था
भारत और अमेरिका के संविधानों के विपरीत स्विस संविधान में किसी भी औपचारिक
अधिकार पत्र का अभाव है। परन्तु इसका अर्थ यह नहीं है कि स्विट्जरलैण्ड में
नागरिकों को कोई अधिकार प्राप्त नहीं है। संविधान की लगभग 25 धाराओं में नागरिकों
के विभिन्न अधिकारों का उल्लेख किया गया है और व्यवहार में नागरिकों के द्वारा
विभिन्न अधिकारों और स्वतन्त्रताओं का उपयोग किया जाता है।
(11) संघीय क्षेत्र में न्यायिक पुनरावलोकन का अभाव
स्विस संविधान संघीय न्यायपालिका को न्यायिक पुनरावलोकन का अधिकार केवल आंशिक
रूप में ही देता है । स्विस सर्वोच्च न्यायालय, जिसे संघीय सर्वोच्च न्यायालय कहा जाता है, कैण्टनों के कानूनों और प्रशासनिक कार्यों को तो अवैध घोषित कर सकता है,
किन्तु संघीय व्यवस्थापिका द्वारा निर्मित कानूनों या संघीय प्रशासन
द्वारा किए गए कार्यों को अवैध घोषित नहीं कर सकता। न्यायपालिका को संविधान की
रक्षा का कार्य नहीं सौंपा गया है। वहाँ यह कार्य स्वयं जनता द्वारा किया जाता है,
क्योंकि जनता लोक निर्णय के अन्तर्गत संघीय व्यवस्थापिका के किसी भी
कानून को अवैध ठहरा सकती है।
(12) प्रशासकीय कानून पर आधारित न्यायपालिका
स्विट्जरलैण्ड में इंग्लैण्ड के समान
विधि के शासन की व्यवस्था नहीं है, वरन् यूरोप महाद्वीप के अन्य देशों की भाँति प्रशासकीय कानून
की व्यवस्था को अपनाया गया है, जिसके अन्तर्गत जन-साधारण और
प्रशासनिक कर्मचारियों के लिए पृथक्-पृथक् न्यायालय होते हैं।
(13) धर्मनिरपेक्ष राज्य-
स्विस संविधान के द्वारा एक धर्मनिरपेक्ष राज्य की स्थापना की गई है। संविधान
के कुछ अनुच्छेदों से धर्मनिरपेक्षता का आदर्श नितान्त स्पष्ट हो जाता है। सभी
नागिरकों को धर्म और पूजा की स्वतन्त्रता प्रदान की गई है। किसी भी धर्म के
नागरिकों को कोई विशेषाधिकार प्रदान नहीं किया गया है।
(14) कैण्टनों के लिए.पृथक् संविधान-
स्विट्जरलैण्ड में संघ की इकाइयाँ, जिन्हें कैण्टन कहते हैं, के अलग-अलग
संविधान है।
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